RANI LAXMI BAI KENDRA
वर्तमान परिस्थितियों में छात्रा में आत्मरक्षा अभिवृद्धि एवं क्षमता विकास के लिए उन्हें ऐसे प्रशिक्षण दिलवाया जाना आवश्यक हो गया है जिससे कि वे ना केवल अपनी, वरन आवश्यकता होने पर परिवार एवं आसपास के परिवेश में भी परिस्थिति जन्य घटना में पीडितों की सहायता एवं रक्षा कर सके। अतः सभी छात्रा को महाविद्यालयों में स्वस्थ, सुरक्षित व भयमुक्त वातावरण प्रदान करना एवं उनके आत्म विश्वास को प्रबल एवं मानसिक शारीरिक रूप से सशक्त करना, वर्तमान समय की सबसे संवेदनशील मांग है। इस हेतु उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्रा में आत्मरक्षा क्षमता विकास एवं शक्ति कौशल संबर्द्धन के लिए महाविद्यालय में "रानी लक्ष्मी बाई केन्द्र" स्थापित किया गया है।
रानी लक्ष्मी बाई केन्द्र स्थापित किए जाने के उद्देश्य
- आत्मरक्षा कौशलों / संवर्द्धन द्वारा छात्रा में आत्मविश्वास सुरक्षा की भावना को संबल प्रदान करना।
- छात्रा को मानसिक एवं शारीरिक रूप से सशक्त बनाना।
- छात्रा को समाज में महिला /छात्रा के साथ घटित अपराधों के प्रतिरोध हेतु उन्हें प्रशिक्षित करना ।
- उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्रा को भय मुक्त सुरक्षित एवं स्वस्थ वातावरण उपलबा करवाना।
- अचानक हमला होने की रथिति मैं खुद के बचाव हेतु मानसिक रूप से तैयार होना
कार्ययोजना
- जिला मुख्यालय पर स्थित पुलिस प्रशासन/NGO/अन्य संस्था की सहायता से लक्ष्मीबाई केन्द्रों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाया जाएगा।
- महाविद्यालय द्वारा इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन महाविद्यालय में संचालित महिला प्रकोष्ठ के द्वारा किया जाएगा तथा छात्रा को कानूनी अधिकार सुरक्षा उपायों हेतु जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी।
- महाविद्यालय में संचालित कक्षा के अतिरिक्त महाविद्यालय समय से पूर्व या महाविद्यालय समय के उपरान्त सुविधा अनुसार इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है।
- महाविद्यालय द्वारा सोशल मीडिया, स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक छात्राएं उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम से लाभान्वित हो सके।
- 25-50 छात्रा का बैच बनाकर प्रशिक्षण करवाया जाएगा।
- छात्रा को सभी प्रशिक्षण सत्रों में उपस्थित होना अनिवार्य है।
- 1 माह के कोर्स के उपरान्त छात्रा को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के एडवांस कोर्स भी चरणबद्ध रूप से करवाए जाएंगे।
- रानी लक्ष्मी बाई केन्द्र के संचालन के अतिरिक्त राजकीय महाविद्यालयों में गठित महिला प्रकोष्ठ द्वारा वर्षभर आयोजित की जाने वाली पूर्ववत निर्धारित गतिविधियां सामान्य रूप से संचालित की जाएंगी।
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प्रशिक्षण अवधि एवं सप्ताहवार कार्यक्रम :- प्रशिक्षण अवधि 1 माह
सप्ताहवार आयोजित की जाने वाली गतिविधियां निम्न प्रकार रहेंगी-
प्रथम सप्ताह में :-
- बेसिक वार्मअप
- आत्मरक्षा की आवश्यकता पर सामूहिक चर्चा
- मानसिक रूप से छात्रा को आत्मरक्षा के सशक्त बनाना (साहस आत्मविश्वास से खतरे का सामना कैसे किया जाए)
- छात्राको विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति अर्जित करने वाली साहसी महिला की जानकारी भी प्रदान की जाएगी।
द्वितीय सप्ताह में
- मूल आत्मरक्षा तकनीकें जैसे- पंच, किक, ब्लॉक (हाथ, पैर, घुटने कोहनी के उपयोग से हमालावर से बचने के तरीके)
- मूल आत्मरक्षा तकनीकों का विडियो प्रदर्शन
- छात्रा को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध कराना
- प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण
तुतीय सप्ताह में
- पछाड गिराने के तरीके (हमला होने की स्थिति में बिना किसी डर के विशेष तरीके जैसे पकड से मुक्त होकर स्वयं का बचाव करना)
- मानसिक आत्म रक्षा के लिए आवश्यक तकनीकों पर प्रशिक्षण (आपात कालीन परिस्थिति में निर्णय कैसे लिया जाए)
- स्वस्थ शरीर हेतु संतुलित पौष्टिक आहार की जानकारी
चतुर्थ सप्ताह में
- आत्मरक्षा के लिए आवश्यक रणनीतियों का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण
- सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग (स्प्रे, सेफ्टी पिन, पैन)
- वास्तविक परिस्थितियों का अभ्यास
- कानूनी जानकारी
- छात्रा द्वारा आत्मरक्षा प्रशिक्षण तकनीकों का प्रदर्शन
- यथा निर्देशित सप्ताहवार गतिविधियों में महिला प्रकोष्ठ द्वारा आंशिक संशोधन किया जा सकता है।
लाभान्वित वर्ग :
जिला मुख्यालयों के उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्राएं।
वित्तीय आवश्यकता
यह प्रशिक्षण महाविद्यालय द्वारा निःशुल्क करवाया जाना है।
पंजीकरण :
इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए छात्रा को पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। (गूगल फॉर्म )