HISTORY

 

फलोदी मुख्य रूप से फलवरधिका नाम से बसा है । विक्रम संवत १५१५ में श्री सिद्धू कल्ला ने फलोदी गांव की [2]स्थापना की थीं ��"र उस समय माँ लटियाल के एक फलवरधिका नाम रखा था जो वर्तमान में फलोदी के नाम [3] से जाना जाता है । फलोदी नाम श्री सिद्धु कल्ला की विदवा बेटी फला के कहने पर रखा था , फला का योगदान फलोदी का दुर्ग में काफी रहा है । फलोदी कुर्ज (crane) के लिए काफी प्रसिद्ध है यहां से ०४ किलोमीटर की दूरी पर एक खीचन नामक गांव है जहां पर पूरे जोधपुर ज़िले में सर्वाधिक कुरजे यहां आती है ।

जयनारायण मोहनलाल पुरोहित राजकीय महाविद्यालय फलोदी जोधपुर राज्य सरकार द्वारा सन १९९९ मै स्थापित किया गया पच्छिमी राजस्थान का एक बहुत ही बड़ा कॉलेज है जो ग्रामीण क्षेत्र  मै उच्च शिक्षा प्रदान करने हेतु एक महत्वपूर्ण महाविधालय है  यह महाविधालय मेगा हाइवे ��"र जोधपुर रोड पर अवस्थित है  साथ ही रेल एवं बस सेवा से अच्छी तरह जुड़ा है