हनुमानगढ़ का भटनेर किला भारतवर्ष में अपने गौरवमय इतिहास के लिए प्रसिद्व है। इस किले के द्वारा जांगल प्रदेश की संस्कृति सुरक्षित रही है। अनेक प्रकार के उतार-चढ़ाव के बाद बीकानेर के राजा सूरतसिंह सन् 1805 ई में इस पर अपना अधिकार जमाने में सफल हुए थे उस दिन मंगलवार हनुमानजी का वार होने के कारण इस किले के आस-पास के कस्बे का नाम हनुमानगढ़ रखा गया। ‘‘राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान समिति’’ के माध्यम से 4 जुलाई, 1966 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के नाम पर नेहरु मेमोरियल महाविद्यालय का शुभारम्भ हुआ। प्रारम्भ में महाविद्यालय एक अस्थाई भवन में प्रारम्भ हुआ, जिसमें कला संकाय में केवल 70 विद्यार्थी थे। दूसरे ही वर्ष (1967) महाविद्यालय में विज्ञान की कक्षाएं प्रारम्भ कर दी गई। नागरिकों के प्रयास से थोड़े समय में ही राज्य सरकार ने महाविद्यालय के लिए नगर दक्षिण में 50 बीघा जमीन स्वीकृत कर दी गई । इसी पवित्र भूमि पर प्रान्त के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोहनलाल सुखाडि़या के सानिध्य में तत्कालीन केन्द्रीय खाद्य मंत्री श्री जगजीवन राम ने 9 मार्च, 1968 को महाविद्यालय भवन का शिलान्यास एक विशाल समोराह में किया और 1 जुलाई 1969 से नये भवन में कक्षाएं प्रारम्भ हो गई।
70 विद्यार्थियों से प्रारम्भ हुई इस संस्था में गत वर्ष 4200 विद्यार्थियों को अध्ययन की सुविधा प्रदान की है। इस समय इस महाविद्यालय में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य तीनों संकायों में स्नातक स्तर की शिक्षा के साथ-साथ कला में हिन्दी, अंग्रेजी, इतिहास, राजनीति शास्त्र एवं अर्थशास्त्र तथा वाणिज्य में लेखा शास्त्र एवं सांख्यिकी लेखा एवं वित्त, भौतिक विज्ञान एवं रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अध्ययन की भी पूर्ण व्यवस्था है।
वद्र्वमान महावीर कोटा, खुला विश्वविद्यालय, कोटा से सम्बद्व अध्ययन केन्द्र सन् 2003-04 से चल रहा है। सत्र 2005-2006 से स्नातकर स्तर तक सभी संकायों में कम्प्यूटर एप्लीकेशन (वोकेशनल) ऐच्छिक विषय रूप में तथा सत्र 2006-07 से एम.एस.सी. कम्प्यूटर पाठ्यक्रम शुरू किया गया है तथा सन् 2007-08 से बी.बी.ए. एवं. बी.सी.ए. की कक्षाएं शुरू की गई।
जनहित में तत्कालीन पंचायत एवं कृषि राज्य मंत्री चौधरी विनोद कुमार के अथक प्रयासों से राज्य सरकार द्वारा दिनांक 15 जुलाई, 2010 को इस महाविद्यालय का अधिग्रहण किया गया ।
चौधरी विनोद कुमार विद्यायक एवं पूर्व मंत्री द्वारा राशि 1.5 करोड़ की लागत से ppp मोड के अंतर्गत निर्मित स्वर्ण जयंती भवन का दिनाक 21.12.2019 को अनावरण किया गया
सत्र 2020-21 में छात्र निधि कोष से महाविद्यालय में पचास लाख रूपए की लागत से भव्य सभागार का निर्माण किया जाना है जिसकी वितीय स्वीकरती आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा राजस्थान जयपुर द्वारा जारी की जा चुकी है उक्त सत्र में ही महाविद्यालय छात्र निधि कोष से ICT LAB का भी निर्माण किया गया है