इस महाविधालय का राजस्थान की उच्च शिक्षण संस्था�"ं में गरिमामय स्थान रहा है। जुलार्इ 1971 में निकटस्थ कन्या विधालय के पाँच कमरों में 33 छात्रा�"ं के प्रवेश के साथ आरम्भ हुआ। यह महाविधालय अब अपनी स्थापना के 44 वर्ष पूर्ण कर 45 वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। प्रारम्भ में महाविधालय में कला संकाय में मात्र 7 विषयों के अध्ययन की सुविधा थी, तत्पश्चात 1982 में वाणिज्य, 1984 में विज्ञान, 1988 में गृहविज्ञान संकाय प्रारम्भ हुए। प्रगति के क्रम में 1993 में दर्शन-शास्त्र एवं संस्कृत विषय में स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारम्भ हुर्इ।1 जुलार्इ 2017को प्रारम्भ हुए वर्तमान शैक्षणिक सत्र 3834 छात्रा�"ं ने प्रवेश लिया जिसमें कला संकाय में 1862, वाणिज्य संकाय में 1354, विज्ञान संकाय में 505, गृह विज्ञान संकाय में 33 छात्रा�"ं ने प्रवेश लिया।