विश्वविद्यालय के संकाय
1. वेद-वेदाङ्ग संकाय -
· साहित्य
· पुराणेतिहास
· प्राचीन राजनीतिशास्त्र
· सामान्यदर्शन
· वेदान्तदर्शन
· मीमांसादर्शन
· न्यायदर्शन
· निम्बार्कदर्शन
· वल्लभदर्शन
· योगदर्शन
· रामानन्ददर्शन
· रामानुजदर्शन
· जैनदर्शन
· बौद्धदर्शन
· प्राकृत जैनागम एवं अपभ्रंश
5. आधुनिकज्ञान-विज्ञान संकाय -
· अंग्रेजी साहित्य
· हिन्दी साहित्य
· इतिहास
· राजनीति विज्ञान
· लोक प्रशासन
· समाज शास्त्र
· अर्थशास्त्र
· गृहविज्ञान (केवल छात्रा�"ं के लिए)
· पर्यावरण अध्ययन
शिक्षा-संकाय :- विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के अन्तर्गत शिक्षाशास्त्री (बी.एड.), शिक्षाचार्य (एम.एड.), विद्यानिधि शिक्षा (एम.फिल.) एवं विद्यावारिधि (पीएच.डी.) शिक्षा के पाठ्यक्रम संचालित है। वर्तमान में शिक्षाशास्त्री पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 68 शिक्षा महाविद्यालयों में चल रहा है। सत्र 2007-2008 से विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्रविभाग में भी शिक्षाशास्त्री पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया गया है। एम.एड. उपाधि के समतुल्य शिक्षाचार्य पाठ्यक्रम अभी केवल विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्रविभाग में चल रहा है, जो सत्र 2006-2007 में प्रारम्भ हुआ है। शिक्षाशास्त्रविभाग के अन्तर्गत सत्र 2006-2007 में विद्यानिधि शिक्षा (एम.फिल) पाठ्यक्रम भी प्रारम्भ किया गया है। शिक्षाशास्त्री पाठ्यक्रम में पी.एस.एस.टी. द्वारा मैरिट के आधार पर प्रवेश होता है। इसी प्रकार विद्यानिधि शिक्षा (एम.फिल.) तथा विद्यावारिधि (शिक्षा) उपाधि में प्रवेश के लिए यू.जी.सी. की नेट अथवा राज्य सरकार की स्लेट परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी को सीधे प्रवेश दिये जाने की व्यवस्था है। नेट/स्लेट के अतिरिक्त इन पाठ्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय अपने स्तर पर ली गयी पात्रता परीक्षा की मैरिट के आधार पर भी प्रवेश देता है। शिक्षाचार्य (एम.एड.) में पूर्व प्रवेश परीक्षा द्वारा प्रवेश दिया जाता है। शिक्षाचार्य :- शिक्षाचार्य (एम.एड.के समतुल्य) पाठ्यक्रम एक वर्षीय है जिसमें राज्य सरकार के निर्णयानुसार सत्र 2008-2009 से प्री शिक्षाचार्य टेस्ट के आधार पर प्रवेश दिये जाने का निर्णय लिया गया है। यह पाठ्यक्रम अभी विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में संचालित है जिसमें कुल 25 स्थानों के 70 प्रतिशत स्थान (18 सीट) शिक्षाशास्त्री परीक्षा उत्तीर्ण के लिये तथा 30 प्रतिशत स्थान (7 सीट) बी.एड. (संस्कृत शिक्षण विषय सहित) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिये निर्धारित है। शिक्षाचार्य पाठ्यक्रम के अध्ययन-अध्यापन एवं परीक्षा का माध्यम संस्कृत है।