महाविद्यालय एक परिचय
राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर से लगभग 91 किमी तथा आगरा से 151 किमी की दूरी पर स्थित राज्य के दौसा जिले का उपखण्ड मुख्यालय बॉदीकुई, रेलवे के कारण ब्रिटिश काल से ही भारतवर्ष के मानचित्र पर ख्यातनाम रहा है।
भौगोलिक दृष्टि से बाणगंगा से कुछ ही किमी दूर सॉवा नदी के तट पर स्थित होने के कारण यह नगर तथा इसके आसपास का क्षेत्र हरा भरा रहा है। इससे 20 किमी दूरी पर गालव ऋषि की तपोभूमि झाझीराम पुरा अरावली की पहाडियों के मध्य एक पुरातन सैरगाह तथा सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। दूसरी �"र आभानेरी ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है, जहां प्रतिहार काल में निर्मित चॉद बावडी तथा उस पर लगे पत्थरों पर उकेरी हुई मूर्तियॉ शिल्प कला का एक अदभूत नमूना है। देश के बहुतेरे संग्रहालयों में इस शिल्प की मूर्तिया प्रदर्शित की गई है। कस्बे के पश्चिमी छोर को छूते हुई मेगा हाइवे के निर्माण से कस्बे की महत्ता बढी है। बॉदीकुई नगर शैक्षणिक दृष्टि से आरम्भ से ही उन्नत रहा है। रेलवे तथा इस क्षेत्र के जागरूक नागरिकों ने इस �"र विशेष ध्यान दिया है। नगर विकास के विभिन्न चरणों से गुजरते हुए बॉदीकुई नगर में अक्टूबर 1977 मे वाणिज्य संकाय के 40 छात्रों के साथ इस महाविद्यालय का शुभारम्भ हुआ। 1983 में कला संकाय भी प्रारम्भ किया गया । आरम्भ में यह महाविद्यालय शहर के मध्य स्थित धर्मशाला के चार कमरों में चलता रहा । महाविद्यालय के वर्तमान भवन का शिलान्यास सांसद श्री अमिताभ बच्चंन, श्री राजेश पायलट, परिवहन राज्य मंत्री भारत सरकार एवं श्री चन्द्र शेखर शर्मा, संसदीय सचिव , राजस्थान सरकार के कर कमलों द्वारा दिनांक 15 मार्च, 1986 को प्राचार्य श्री हीरा लाल मैढ़ के आथित्य में सम्पन्न हुआA शिलान्यास समारोह में श्रीमती जया बच्चन एवं श्रीमती रमा पायलट विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थी। 1991 में बसवा रोड पर महाविद्यालय का नवीन भवन बन कर तैयार हुआ �"र इस भवन में सम्पूर्ण महाविद्यालय स्थानान्तरित हो गया। सन् 2003 में स्व राजेश पायलट के नाम पर इस महाविद्यालय का नाम राज्य सरकार के आदेशानुसार स्व राजेश पायलट राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हो गया। सत्र 2003- 2004 में स्ववित्तपोषी योजना के तहत विज्ञान संकाय में स्नातक �"र हिन्दी साहित्य इएवं राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर कक्षाए प्रारम्भ की गई । सत्र 2005-2006 से भूगोल विषय भी स्नातक स्तर पर इसी योजना के तहत प्रारम्भ किया गया। अध्यापन के अतिरिक्त सह शैक्षणिक गतिविधियॉ विभिन्न मंचों यथा राष्टीय सेवा योजना, खेलकूद, योजना मंच, स्काउटिंग, एऩसीसी, महिला प्रकोष्ठ के द्वारा करवाई जाती हैं। यूजीसी द्वारा गठित राष्टीय मूल् यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा सत्र 2005 व 2016 मे इस महाविद्यालय को बी श्रेणी प्रदान की गई ।
ध्यातव्य है कि राजस्थान सरकर की फ्लैगशिप योजना देवनारायण छात्रा स्कूटी एवं प्रोत्साहन राशि योजना के अन्तर्गत सम्पूर्ण राज्य में इस महाविद्यालय को सर्वाधिक स्कूटियॉ आवंटित होती है। केवल 40 छात्रो की नगण्य संख्या से आरम्भ होकर इस महाविद्यालय की छात्र संख्या 3375 तक पहुंच चुकी है। ग्रामीण अंचल के विद्धार्थियों के लिए इस महाविद्यालय में उच्च शिक्षा के नियमित अध्ययन की सुविधा प्रदान की जाती है। इस महाविद्यालय में वर्द्धमान महावीर खुला विश्वविधालय एवं इन्दिरा गांधी राष्टीय मुक्त विश्वविधालय (इग्नू ) के अध्ययन केन्द्र संचालित है। जिसके द्वारा रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम चलाये जा रहे है।